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Saturday, June 3, 2023

रेट्रो वॉकिंग का मतलब पीछे की ओर यानी उल्टा चलना है और इसे रिवर्स वॉकिंग भी कहते हैं। नॉर्मल वॉकिंग की तुलना में यह स्वास्थ्य के लिए कहीं ज्यादा लाभदायक है। रेट्रो वॉकिंग हमारे दिल, दिमाग और मेटाबॉलिज्म के लिए भी बेहद फायदेमंद होती है। इससे दिल ज्यादा तेजी से पंप करता है और शरीर के अंगों में खून और ऑक्सीजन की सप्लाई तेज होती है। आइए आज हम आपको रेट्रो वॉकिंग से मिलने वाले पांच फायदे बताते हैं।

कॉर्डिनेशन में करती है सुधार
रेट्रो वॉकिंग के लिए आपको अपनी सामान्य गति के विरुद्ध जाने की आवश्यकता होती है, यानी इस वॉकिंग में आपको अपने शरीर के बेहतर कॉर्डिनेशन की आवश्यकता होगी। रेट्रो वॉकिंग करने पर आपका दिमाग आपका बेहतर मार्गदर्शन करने पर केंद्रित रहता है। इससे आपके दिमाग और शरीर के कॉर्डिनेशन में सुधार होता है और आपको अपने अंगों और शरीर की स्थिति की बेहतर समझ रखने में मदद मिलती है।

घुटनों पर पड़ेगा कम दबाव
जिन रोगियों के घुटनों में ऑस्टियोआर्थराइटिस है, उनके लिए रेट्रो वॉकिंग बेहद फायदेमंद हो सकती है। इससे उनके घुटनों का दर्द कम होगा और पैरों की ताकत में सुधार होगा। रेट्रो वॉकिंग काफी समय से घुटने में हो रहे दर्द को भी कम करता है। जब आप पीछे की ओर चलते हैं तो आपके क्वाड्रिसेप्स की गतिविधि कम हो जाती है। इसकी वजह से घुटने के जोड़ पर कम दबाव पड़ता है, जिससे दर्द की तीव्रता कम होती है।

ज्यादा कैलोरी होती है बर्न
नॉर्मल वॉकिंग की तुलना में रेट्रो वॉकिंग करने से प्रति मिनट 40 प्रतिशत से ज्यादा कैलोरी बर्न होती हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक, उल्टा चलने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और आप कम समय में ज्यादा कैलोरी बर्न कर पाते हैं। अगर आप अपना वजन जल्दी कम करना चाहते हैं तो आपको रोजाना सुबह के समय नॉर्मल वॉकिंग या जॉगिंग की जगह रेट्रो वॉकिंग शुरू कर देनी चाहिए। यह आपके स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद रहेगी।

कार्डियोरेस्पिरेटरी फिटनेस में करती है सुधार
डॉक्टरों का मानना है कि किसी भी तरह की वॉकिंग हमारे हृदय और फेफड़ों के लिए बेहतर होती है, लेकिन रेट्रो वॉकिंग या उल्टा चलने से हमारा दिल तेजी से पंप करता है। इसका मतलब है कि आपको कार्डियो फिक्स मिलता है, मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और कम समय में अधिक कैलोरी बर्न होती है। इससे दिल और सांस संबंधी बीमारी नहीं होतीं। रेट्रो वॉकिंग करने से युवा महिलाओं की शरीर की संरचना में भी अच्छे बदलाव होते हैं।

पैरों को रखती है मजबूत
रेट्रो वॉकिंग आपके कम सक्रिय पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करने के सबसे प्रभावी प्राकृतिक तरीकों में से एक है। जब आप पीछे की ओर चलते हैं तो यह आपके क्वाड्रिसेप्स के विपरीत आपके हैमस्ट्रिंग को फ्लेक्स करती है और मांसपेशियों को मजबूत करती है। यह काफ मसल, ग्लूट्स और क्वाड्रीसेप्स पर ज्यादा असर डालता है। ऐसा कहा जाता है कि रेट्रो वॉकिंग के 100 स्टेप्स नॉर्मल वॉकिंग के 1,000 स्टेप्स के बराबर हैं।

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