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Thursday, September 28, 2023

जंगली इमली एक ऐसा फल है, जिसका सेवन स्वास्थ्य को कई तरह के लाभ दे सकता है। इसे विलायती इमली और मनीला इमली भी कहा जाता है। हो सकता है कि कई लोगों को यह फल नया हो, लेकिन हल्के मीठे स्वाद से भरपूर इस फल को डाइट में शामिल करना लाभदायक हो सकता है। आप इसका सलाद, कई तरह की चटनी या जूस के रूप में सेवन कर सकते हैं। आइए इसके फायदों के बारे में जानते हैं।

वजन घटाने में मिल सकती है मदद
अगर आप अपना वजन नियंत्रित करने में लगे हैं तो आपके लिए अपनी डाइट में जंगली इमली को शामिल करना फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, यह फल डाइटरी फाइबर और सैपोनिन नामक तत्व से युक्त होता है, जो पेट को लंबे समय तक भरा रखकर अस्वास्थ्यकर स्नैकिंग से बचाने में मदद करता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिल सकती है। एक अध्ययन के अनुसार, सैपोनिन्स वजन को लगभग 20 प्रतिशत से 30 प्रतिशत तक कम कर सकता है।

आंत से संबंधित समस्याओं का कर सकती है इलाज
इस फल का इस्तेमाल काफी समय से ही आंतों की विभिन्न समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता आ रहा है। इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण ई.कोली और शिगेला नामक बैक्टीरिया से लडक़र कई तरह की आंत संबंधित समस्याओं से बचाने में मदद कर सकते हैं। ये बैक्टीरिया आंतों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा, इस फल के बीजों में ओलीनोलिक एसिड होता है, जो आंत की कार्यक्षमता को सुधारने में मदद कर सकता है।

जोड़ों के दर्द से दिलाए राहत
यह फल एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होता है, जो जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में काफी मदद कर सकता है। यह ऑस्टियोपोरोसिस और अर्थराइटिस जैसी बीमारियों के जोखिम कम करने में भी सहायक हो सकता है और जोड़ों की गतिशीलता को बढ़ाने में मदद करता है। जोड़ों के दर्द और सूजन को दूर करने समेत हड्डियों से संबंधित कई समस्याओं से सुरक्षित रहने के लिए इस फल को अपनी डाइट में शामिल करें।

मधुमेह को नियंत्रित करने में है कारगर
जंगली इमली में एंटी-डायबिटीक गुण मौजूद होते हैं, जो इसे मधुमेह रोगियों के लिए अपनी डाइट में शामिल करने के लिए एक उपयुक्त फल बनाती है। इसकी छाल में प्रोटीन, सैपोनिन, टैनिन, फ्लेवोनोइड्स और अल्कलॉइड समेत फाइटोकेमिकल्स की अधिक मात्रा होती है, जो ब्लड शुगर को कम करके मधुमेह को नियंत्रित रखने में मदद कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, यह फल खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी प्रभावी माना जाता है।

कैंसर के जोखिम कम करने में है मददगार
यह फल एंटी-कैंसर गुण से भी समृद्ध होता है। कई शोध के अनुसार, इस फल की पत्तियों में ऐसे एजेंट होते हैं, जो स्तन कैंसर कोशिकाओं को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, यह फल थायमिन और विटामिन-क्च1 से भी भरपूर होता है, जो ट्यूमर के विकास को रोकने के लिए जाना जाता है। हालांकि, कैंसर रोगी डॉक्टरी सलाह के बाद ही इस फल का सेवन करें।

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