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Sunday, June 4, 2023

बहुत से पेरेंट्स ऐसे होते हैं जिन्हें मजबूरन अपने बच्चे को खुद से दूर रखना पड़ता है। इसके पीछे पारिवारिक मजबूरी या पढ़ाई के लिए परिवार से दूर रखने जैसे कई कारण हो सकते हैं। ऐसे में घर से दूर रह रहे बच्चों की सही परवरिश और उनका पालन-पोषण करना पेरेंट्स के लिए मुश्किल हो जाता है, लेकिन ये असंभव नहीं है। आइए आज हम आपको लॉन्ग-डिस्टेंस पेरेंटिंग के बारे में और इसमें मदद के लिए टिप्स बताते हैं।

क्या है लॉन्ग-डिस्टेंस पेरेंटिंग?
कभी-कभी कुछ परिवार भौगोलिक रूप से अपने बच्चों से अलग हो जाते हैं। इसे पेरेंट्स और बच्चों के बीच लॉन्ग-डिस्टेंस रिलेशनशिप कह सकते हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। किसी बच्चे के पिता सैन्य कर्मी होने के नाते ड्यूटी पर जा सकते हैं या फिर पेरेंट्स और बच्चे काम के सिलसिले या पढ़ाई के कारण दूसरे शहर, राज्य या देश भी जा सकते हैं। ऐसे में बच्चों की परवरिश नीचे लिखे गए टिप्स की मदद से करें।

छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दें
आमतौर पर बच्चों को पेरेंट्स से प्यार और उनके ध्यान की जरूरत होती है। ऐसे में घर से दूर रहकर बच्चों को खुद से जुड़ाव महसूस करवाने के लिए पेरेंट्स को बच्चे की छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने और समय निकालने की जरूरत है। बच्चों के नए हेयरकट या नए कपड़ों की तारीफ करें और अन्य चीजों पर ध्यान दें। ऐसा करने से बच्चे को लगेगा कि आप आसपास ही हैं, जो उनकी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दे रहे हैं।

फोन कॉल के लिए शेड्यूल सेट करें
पेरेंट्स को रोजाना समय निकालकर अपने बच्चों से फोन पर बात करनी चाहिए, हालांकि कॉल करने की सीमा का ध्यान रखें क्योंकि बहुत ज्यादा कॉल या कम कॉल करने से समस्याएं हो सकती हैं। 24 घंटे में बच्चे को दो से तीन बार फोन कॉल करने के लिए पेरेंट्स एक शेड्यूल सेट कर लें। अगर कभी कॉल के लिए समय नहीं है तो ऑडियो मैसेज जरूर भेजें। इससे बच्चे मजबूरी समझेंगे और अकेलापन महसूस नहीं करेंगे।

मस्ती के पल शेयर करें
लॉन्ग-डिस्टेंस पेरेंटिंग का मतलब यह नहीं है कि आप अपने मजेदार समय के साथ समझौता करें। बच्चे अधिक सक्रिय और साहसी होते हैं, इसलिए भले ही वह दूर हों, आप उनके साथ मस्ती के पल शेयर कर सकते हैं। ऐसी कई ऑनलाइन गतिविधियां और गेम हैं, जिनमें दूर रहकर भी एक साथ भाग लिया जा सकता है। पेरेंट्स गूगल पर इन गेम्स के बारे में सर्च करके अपने बच्चों से जुडक़र मस्ती कर सकते हैं।

बच्चे की प्राइवेसी का सम्मान करें
कुछ पेरेंट्स बच्चों के दैनिक जीवन में बारे में सब कुछ जानना चाहते हैं, जो ठीक बात है। हालांकि कभी-कभी पेरेंट्स बच्चों की जिंदगी में कुछ ज्यादा ही दखल देने लगते हैं और हर बात पर टोकने लगते हैं, जो गलत है। पेरेंट्स को यह समझने की जरूरत है कि बच्चे अपनी अलग पहचान के साथ एक अलग व्यक्ति है। उनसे रोजाना बात करना सही है, लेकिन बहुत ज्यादा दखलअंदाजी करना नहीं, इसलिए बच्चे की प्राइवेसी का सम्मान करें।

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