शत प्रतिशत टीकाकरण के लिए अभिभावक बच्चों को करें प्रेरित
अल्मोड़ा। पांच से 12 साल के बच्चों को कोविड टीका लगाने के निर्णय से अभिभावक और बच्चों में जहां उत्साह है वहीं टीकाकरण के लिए शासन से गाइडलाइन न आने से खतरे की चिंता भी सता रही है। वहीं, जन प्रतिनिधियों ने अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों का शत प्रतिशत टीकाकरण करें।
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कोरोनाकाल में बच्चों के स्कूल खुलने के बाद वह कई लोगों को संपर्क में आ रहे हैं। घर से स्कूल या फिर स्कूल से घर और स्कूल में बच्चे कई लोगों के संपर्क में आते हैं। अभी पांच से 12 साल के बच्चों का टीकाकरण नहीं किया गया है। इधर, नगर के गणमान्य लोगों ने कहा कि कोरोनाकाल में बच्चों की सुरक्षा बेहद जरूरी है। जिले में पांच से 12 साल तक के बच्चों को कोविड टीका लगाया जाना है। उन्होंने सभी अभिभावकों से आह्वान किया है कि वे अपने पांच से 12 साल के बच्चों को कोरोना टीका अवश्य लगाएं। टीकाकरण से कोरोना से बच्चे सुरक्षित रह सकेंगे। उन्होंने बच्चों को भी टीकाकरण के लिए प्रेरित किया।
पांच से 12 साल के बच्चों के टीकाकरण के लिए देश में अभियान चल रहा है। मेरा सभी से अनुरोध है कि अधिक से अधिक संख्या में टीका लगाए। खासकर पर्वतीय क्षेत्र के युवाओं से अपील है कि वह घरों से निकल कर पांच से 12 साल के बच्चों को टीका लगवाएं। नजदीकी टीकाकरण केंद्र में जाकर बच्चों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करें ताकि बच्चे सुरक्षित रह सकें।
जिले के सभी अभिभावकों से अपील है कि वह बच्चों को अवश्य टीका लगाएं। बच्चों के स्वास्थ्य और कोरोना से बचने के लिए पांच से 12 साल के बच्चों को अवश्य टीका लगवाएं। बच्चों को भी टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जाए ताकि वह स्वत: ही टीका लगाने केंद्रों में जाएं।
बच्चों और अभिभावकों से अपील है कि टीकाकरण अवश्य कराएं। टीकाकरण ही कोरोना से बचाव का तरीका है। अभिभावक और युवा अपने आसपास के पांच से 12 साल के बच्चों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करें ताकि जिले में बच्चों का शत प्रतिशत टीकाकरण पूरा किया जा सके।
बच्चों के टीकाकरण से पहले पूरी ग्राम सभा को सूचित किया जाएगा। व्हाट्सएप और आंगनबाड़ी कर्मचारियों द्वारा भी टीकाकरण करने की सूचना अभिभावकों तक पहुंचाई जाएगी। सभी ग्रामीणों से अपील है कि वह बच्चो को कोरोना का टीका लगाए ताकि कोरोना से उनका बचाव किया जा सके।
सामूहिक सहभागिता से टीकाकरण अभियान को सफल बनाएं
बागेश्वर। पांच से 12 साल तक के बच्चों के टीकाकरण को मंजूरी मिलने के निर्णय नगर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक लोग स्वागत कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि छोटे बच्चों ने कोविड काल में सबसे अधिक बंदिशों का सामना किया है। पिछले दो साल महामारी ने बच्चों के बचपन को एकाकी बना दिया था। अब टीकाकरण की मंजूरी मिलने से बच्चे भी संक्रमण के खतरे से सुरक्षित रह सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण को सफल बनाने के लिए ग्राम प्रधानों ने अभिभावकों से बच्चों का अनिवार्य रूप से टीकाकरण कराने की अपील की है।
पांच से 12 साल के बच्चों का टीकाकरण कराना सरकार की सराहनीय पहल है। टीका लगने से बच्चों को महामारी में सुरक्षा कवच मिलेगा। सभी अभिभावकों को अपने बच्चों का अनिवार्य टीकाकरण कराना होगा। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को विशेष रूप से सहयोग करते हुए इस अभियान को सफल बनाने में योगदान देना है।
सरकार महामारी से बचाव के लिए लगातार टीकाकरण कराने पर जोर दे रही है। अब बच्चों के टीकारण की बारी है, जिसे सफल बनाना हम सबका कर्तव्य है। सभी अभिभावकों को पांच से 12 साल के बच्चों का अनिवार्य टीकाकरण कराकर महामारी के खिलाफ चल रही लड़ाई को सफल बनाने में योगदान करना होगा।
कोरोना से बचाव का एकमात्र उपाय टीकाकरण है। अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए सभी अभिभावकों को पांच से 12 साल के बच्चों का अनिवार्य रूप से टीकाकरण कराना है। टीकाकरण अभियान को सफल बनाने और गाइडलाइन का पालन करके ही कोविड महामारी के खिलाफ विजय हासिल होगी।