जिले में 12 से 18 साल के 100 प्रतिशत बच्चों को लगी कोरोना की पहली डोज
अल्मोड़ा। कोरोना संक्रमण के खतरे से 12 से 18 साल के बच्चों को बचाने में जुटे स्वास्थ्य विभाग ने इस आयु वर्ग के 100 प्रतिशत बच्चों को कोरोना की पहली डोज लगाने में सफलता हासिल कर ली है। 95 प्रतिशत बच्चों को स्वास्थ्य विभाग दूसरी डोज भी लगा चुका है। पांच से 12 साल के बच्चों का टीकाकरण करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को अभी कोई निर्देश नहीं मिले हैं।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में स्वास्थ्य विभाग ने वयस्कों को कोरोना का टीका लगाने की शुुरूआत की थी। इसके बाद तीसरी लहर में 12 से 18 साल के बच्चों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने टीकाकरण कार्यक्रम चलाया।
स्वास्थ्य विभाग ने जिले में 20 हजार बच्चों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया था। टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पुराने टीकाकरण केंद्रों के साथ ही स्कूलों का भी सहारा लिया है। टीकाकरण के लिए निर्धारित लक्ष्य के अनुसार अब तक स्वास्थ्य विभाग 100 प्रतिशत बच्चों को टीके की पहली डोज और 95 प्रतिशत बच्चों को दूसरी डोज लगा चुका है। इधर, शासन ने अब पांच से 12 साल के बच्चों को भी टीका लगाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के पास अभी इसके लिए कोई गाइडलाइन नहीं आई है और न ही स्वास्थ्य विभाग को वैक्सीन उपलब्ध हो पाई है। इस आयु वर्ग के बच्चों की संख्या जानने के लिए स्वास्थ्य विभाग फिलहाल शिक्षा विभाग से संपर्क कर रहा है। इसके बाद बच्चों की लक्ष्य संख्या निर्धारित कर स्वास्थ्य विभाग शासन से जारी निर्देशों के अनुसार बच्चों का टीकाकरण अभियान शुरू करेगा। स्कूल और अपने पुराने टीकाकरण केंद्रों की मदद से बच्चों को टीका लगाया जाएगा।
बूस्टर डोज लगाने में पिछड़ रहा जिला
अल्मोड़ा। बच्चों और वयस्कों के साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने बुजुर्गो को बूस्टर डोज लगाने का अभियान भी शुरू किया है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग अपने टीकाकरण केंद्रों के साथ ही बुजुर्गो के घर पहुंचकर भी उन्हें बूस्टर डोज लगा रहा है। स्वाथ्स विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में अब तक मात्र 20 प्रतिशत लोगों को ही बूस्टर डोज लग सकी है। स्वास्थ्य विभाग ने बुजुर्ग लोगों से अपील भी कि वह बूस्टर डोज लगाकर खुद को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखें।
जिले में 12 से 18 साल के 100 प्रतिशत बच्चों को कोरोना की पहली डोज लग चुकी है। 95 प्रतिशत बच्चों को दूसरी डोज भी लगा चुके हैं। पांच से 12 साल के बच्चों को टीका लगाने के संबंध में अभी शासन से कोई निर्देश नहीं मिले हैं। निर्देश मिलते ही अभियान चलाकर उसे सफल बनाया जाएगा। लोगों से अपील है कि कोरोना का खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है। लोग बचाव के लिए टीका लगाएं लेकिन कोरोना गाइडलाइन का भी पूरी तरह से पालन कर खुद के साथ ही अपने आसपास के लोगों को भी कोरोना के खतरे से बचाएं।
भूल गए मास्क और दो गज की दूरी है जरूरी का नियम
अल्मोड़ा। दिल्ली के बाद अब उत्तराखंड में भी कोरोना के नये स्वरूप ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। एक समय हर चेहरे पर मास्क और दो गज की दूरी का नियम हर कोई अपनाता था लेकिन अब सभी लोग बेफिक्र हैं। अल्मोड़ा की बात करें तो मात्र दस प्रतिशत लोग ही मास्क पहने दिखाई देते हैं। पहले प्रशासन के डर से भी लोग मास्क पहनते थे लेकिन इस बीच प्रशासन भी कोरोना से बचाव आदि को लेकर सुस्ती में है। इसके साथ ही जहां पहले दुकानों और दफ्तरों में भी सैनिटाइजर आदि की व्यवस्था होती थी वे भी अब कोरोना के खौफ से मुक्त हो चले हैं।
इधर, सीएमओ डॉ. आरसी पंत का कहना है कि कोरोना का खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है। लोग कोरोना से बचाव के लिए टीका लगाएं लेकिन कोरोना गाइडलाइन का भी पूरी तरह से पालन कर खुद के साथ ही अपने आसपास के लोगों को भी कोरोना के खतरे से बचाएं।
कोरोना की बढ़ती महामारी के साथ लोगों को जागरूक होना बहुत जरूरी है। अगर लोग जागरूक नहीं हुए तो कोरोना की पहली तीन लहरों की तरह इस बार भी लोगों को काफी नुकसान हो सकता है। सभी को सचेत रहना चाहिए।
कोरोना की एक और लहर आई तो व्यापारियों को इसका काफी हद तक नुकसान होगा। व्यापारी अभी तक पहले के नुकसान से ही नहीं उबर पाए हैं। कोरोना संक्रमण की दर रोकने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना चाहिए।
कोरोना के कारण बच्चों की स्कूली शिक्षा काफी हद तक प्रभावित हुई है। अगर कोरोना फिर पैर पसारता है तो बच्चों की शिक्षा पर इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा। स्वास्थ्य विभाग को कोरोना से लड़ने के लिए पूरा तैयार रहना चाहिए।
पिछले साल कोरोना की वजह से वाहन कारोबारियों को काफी नुकसान हुआ था। अगर एक बार फिर कोरोना संक्रमण बढ़ता है तो वाहन कारोबार काफी हद तक प्रभावित होगा। सभी को मिलकर कोरोना के खिलाफ लड़ना होगा।
किशोरों को मिला सुरक्षा कवच, अब बच्चों की बारी
बागेश्वर। पांच से 12 साल तक की आयु के बच्चों के टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग तैयारियों में जुट गया है। फिलहाल विभाग को शासन की गाइडलाइन का इंतजार है। गाइडलाइन मिलने के बाद टीकाकरण को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाएगा। इस बीच जिले में किशोरों के टीकाकरण का कार्यक्रम सुचारु रूप से चल रहा है।
जिले में 12 से 14 और 15 से 17 वर्ष आयु वर्ग के किशोरों को दूसरी डोज लगाई जा रही है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 15 से 17 आयु वर्ग में 13993 किशोरों के टीकाकरण का लक्ष्य मिला था। जिसके सापेक्ष 14503 (100.43 प्रतिशत) को पहली और 12834 (91.33 प्रतिशत) किशोरों को दूसरी डोज लग चुकी है। 12 से 14 आयु वर्ग में 8734 के टीकाकरण का लक्ष्य था। जिसके सापेक्ष 8057 (92.25 प्रतिशत) को पहली और 2481 (30.79 प्रतिशत) को किशोरों को दूसरी डोज लगाई जा चुकी है। अवशेष किशोरों को टीके लगाने का काम चल रहा है। नोडल अधिकारी टीकाकरण डॉ. प्रमोद जंगपांगी ने बताया कि पांच से 12 आयु वर्ग के टीकाकरण को लेकर विभागीय स्तर से तैयारियां की जा रही हैं। हालांकि अभी शासन से लक्ष्य और गाइडलाइन नहीं प्राप्त हुई है। जैसी गाइडलाइन मिलेगी, उसे के अनुसार टीकाकरण का कार्यक्रम चलाया जाएगा।