रेलवे भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए चाहिए 6000 पुलिस कर्मी
हल्द्वानी। रेलवे की भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए भारी भरकम पुलिस फोर्स की आवश्यकता होगी। 30 दिन तक चलने वाले अतिक्रमण हटाओ अभियान में करीब 30 करोड़ रुपया खर्च होने का अनुमान है। यह धनराशि रेलवे को देनी होगी। अतिक्रमण हटाने के लिए 35 कंपनी बाहरी पुलिस फोर्स, राज्य की पुलिस फोर्स समेत करीब 6000 पुलिस कर्मियों को तैनात करना होगा। करीब 300 पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों, मजिस्ट्रेटों की भी आवश्यकता होगी। बजट देने के साथ ही रेलवे के तिथि तय करने के बाद ही अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
15 साल में देश फिर से बनेगा अखंड भारत, रास्ते में जो आएंगे वह मिट जाएंगे
रेलवे के अतिक्रमण को लेकर डीएम की अध्यक्षता में बुधवार शाम चार बजे से उनके कैंप कार्यालय में बैठक हुई। बैठक में रेलवे के अधिकारियों के साथ-साथ सभी विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में एसएसपी ने पावर प्वांइट स्लाइड के माध्यम से बताया कि उन्हें कितनी पुलिस फोर्स की आवश्यकता है। सूत्रों के अनुसार अतिक्रमण तोड़ने में 6000 पुलिस कर्मी और अर्धसैनिक बल के जवान, 26 एडिशनल एसपी, 56 सीओ सहित करीब 300 मजिस्ट्रेट, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की जरूरत होगी। दो सीओ पर एक मजिस्ट्रेट लगाया जाएगा। अतिक्रमण के दौरान इस क्षेत्र में 24 घंटे पुलिस तैनात रहेगी। पुलिस की शिफ्ट आठ-आठ घंटे के अंतराल में लगाई जाएगी। करीब 35 जगह दो लेयर की बेरीकेडिंग की जाएगी। इसके साथ ही फायर ब्रिगेड, दंगा नियंत्रण वाहन, आंसू गैस की भी व्यवस्था करनी होगी।
डीएम धीराज गर्ब्याल ने अधिकारियों से कहा कि इतनी बड़ी फोर्स के रहने की व्यवस्था, बिजली, पानी, टॉयलेट, भोजन, फोर्स को लाने ले जाने के लिए बस, छोटे वाहनों की व्यवस्था, अधिकारियों के रहने की आदि व्यवस्था के लिए स्थान चिन्हित करने के लिए कहा। इसमें होने वाले खर्च की पूरी डिटेल भी मांगी है।
डीएम रेलवे के अधिकारियों से कहा कि जिला प्रशासन सिर्फ कानून व्यवस्था सुनिश्चित करेगा। इसमें होने वाला खर्च, जेसीबी आदि का इंतजाम रेलवे को करना होगा। रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि अभियान में होने वाले खर्च का पूरा ब्योरा उपलब्ध कराएं तभी वह रेलवे बोर्ड से बजट मांगेंगे।
पुलिस की गुप्त रिपोर्ट, हो सकता है विरोध
हल्द्वानी। सूत्रों के अनुसार एसएसपी ने खुफिया विभाग की रिपोर्ट के बारे में बताते हुए कहा कि अतिक्रमण में कुछ नेताओं के मकान भी आ रहे हैं। पता चला है कि अतिक्रमण को लेकर क्षेत्रवासियों की बैठक हो चुकी है। अतिक्रमण हटाने के दौरान भारी विरोध हो सकता है।
बेघरों को कहां रखेंगे, बैठक में नहीं हुई चर्चा
हल्द्वानी। अतिक्रमण तोड़ने से बेघर होने वाले लोगों का क्या होगा। उनके लिए क्या इंतजाम किए जाएंगे। यह मुद्दा बैठकर में एक बार उठा, लेकिन इस पर चर्चा नहीं हुई। एक अनुमान के मुताबिक अतिक्रमण हटाने के दौरान करीब 10 हजार लोग बेघर हो जाएंगे। इनके भोजन, पानी, रहने के लिए क्या व्यवस्था की जाएगी, इस पर कोई प्लान अभी तक नहीं बना है।
अतिक्रमण हटाने के लिए यह होगी जरूरत
– 35 कंपनी फोर्स
– 300 पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी /मजिस्ट्रेट
– 10 जेसीबी, 10 पोकलैंड
– 35 जगह दो लेयर बैरेकेडिंग
– फायर ब्रिगेड वाहन
– आंसू गैस
पुलिस फोर्स के लिए यह होगी आवश्यकता –
– पुलिस फोर्स को रखने का स्थान
– टॉयलेट, पेयजल, खाने की व्यवस्था
– वाहनों की व्यवस्था जिसमें बस, छोटी गाड़ियां शामिल होगी
– अधिकारियों को ठहराने का स्थान, उनका खाना
अतिक्रमण हटाने का खर्च रेलवे को उठाना होगा। फोर्स और अधिकारियों को कहां-कहां रोका जाएगा, इनकी व्यवस्थाओं में कितना खर्च आएगा। इसका आकलन कर जिला प्रशासन एक सप्ताह में रिपोर्ट रेलवे को सौंप देगा। रेलवे के बजट देने और तिथि तय करने के बाद ही अतिक्रमण हटाया जाएगा।