कहीं जंगल जल रहे, कही भीषण गर्मी, शारदा सागर डैम के गांवों में बाढ़ जैसे हालात
खटीमा। इस समय जहां पहाड़ों में जंगल जल रहे हैं। भीषण गर्मी ने आम जन को परेशान कर रखा है वहीं शारदा सागर डैम के किनारे बसे छह गांवों के ग्रामीण बाढ़ जैसे हालात का सामना कर रहे हैं। डैम के जलस्तर बढ़ने के कारण खेत-खलिहान, गोशाला, घर-आंगन और रसोई समेत आवागमन के रास्ते पानी की भेंट चढ़ गए हैं। जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारी सब कुछ जानने के बाद भी आंख और कान बंद किए हुए हैं।
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शारदा सागर डैम के ऊपरी हिस्से में बसे झाउपरसा, सिसैया बंधा, बलुआ खैरानी, बगुलिया आदि गांव डूब की स्थिति में हैं। पिछले एक महीने से ग्रामीण बाढ़ जैसे हालात का सामना कर रहे हैं। बाजार और स्कूल जाने के लिए नाव से आवाजाही करनी पड़ रही है। डैम का जलस्तर घटने के बजाय लगातार बढ़ने से ग्रामीणों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। हालात यह है कि भोजन पकाने के लिए ग्रामीणों को पानी से दूर जाकर जमीन तलाशनी पड़ रही है। सिसैया बंधा की शांति देवी, सुमित्रा देवी, गुड्डी, सुनीता, सुमन, सुमित्रा राजभर, पार्वती, नूरम राजभर आदि का कहना है कि साफ-सफाई तो छोड़िए अब तो सांप, बिच्छू आदि जहरीले कीड़े भी पानी में तैरने लगे है। जलभराव से निजात दिलाने के लिए जिम्मेदार जवाबदेही से बच रहे हैं।
आंगनबाड़ी के भवन में पड़ी दरारें
खटीमा। सिसैया बंधा गांव का आंगनबाड़ी केंद्र तीन ओर से जलमग्न है। आंगनबाड़ी केंद्र की एक ओर की दीवारें पानी में धसने लगी हैं। एक दीवार छह इंच तक बैठ चुकी है। आंगनबाड़ी केंद्र लगभग एक महीने से बंद पड़ा है।
पीड़ा : बरात आनी है, कहां ठहराएं
गांव में अपनी भतीजी सविता कुमारी की शादी को लेकर चिंतित हैं। सविता की बरात साधू नगर सितारगंज से 14 अप्रैल को आ रही है। घर में कारीगर पकवान बनाने में जुटे हैं। डैम के पानी का स्तर घर तक पहुंच चुका है। घर में पानी न घुसे इसके लिए मिट्टी की दीवार बनाई गई है।
-शिवनाथ, सिसैया खैरानी।
दिक्कत: कैसे करेंगे बरात की आवाभगत
– राजकुमार की बरात 20 अप्रैल को काशीपुर गोशाला जाने वाली है। घर के दरवाजे तक पानी भर चुुका है। ऐसे में परिवार को बेहद कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन को तत्काल जल निकासी की व्यवस्था करनी चाहिए।
– राम प्रवेश, सिसैया बंधा।
चिंता: बरात आएगी भी तो कैसे
– गांव की युवती हीरा की बरात मोहम्मदपुर भूड़िया से पांच मई को आने वाली है। डैम का जलस्तर नहीं घटा तो विवाह कार्यक्रम की मुश्किलें बढ़ेंगी। परिवार और ग्रामीण बरात के कार्यक्रमों को लेकर चिंता जता रहे हैं। प्रशासन से जल निकासी कराने की मांग कर रहे हैं।
– शिववर्धन, बंधा।
दहशत: दो बकरियों को निगल गया मगरमच्छ
– सोमवार रात्रि के दस बजे एक मगरमच्छ पानी से घिरी कच्ची गोशाला से दो बकरियों को खा गया। पानी में उछल कूद के शोर देखा गया तो मगरमच्छ एक बकरी को निगल रहा था। अब तो मवेशियों के साथ ही ग्रामीणों को भी जान का खतरा बन गया है।
– महेश, बलुवा खैरानी।
अनदेखी: हर बार आती है यह स्थिति
– शारदा सागर डैम के ऊपरी हिस्से में भरने वाले पानी से प्रत्येक साल व छह माह में होने वाली हटो-बचो की स्थिति से ग्रामीणों को बचाने के लिए सरकार प्रभावी कदम उठाए। हर बार ग्रामीण जानमाल की सुरक्षा, फसल एवं मवेशियों को लेकर चिंतित रहते है।
– संतलाल, ग्राम प्रधान
एसडीएम को लौटना पड़ा
मंगलवार को टीम के साथ प्रभावित गांवों तक जा रहा था। रास्ते में जल संस्थान की पाइप लाइन बिछ रही थी। जेसीबी का कार्य चल रहा था। मार्ग अवरुद्ध होने की वजह से टीम लौट आई। अब बुधवार को संबंधित विभागों के अफसरों को साथ लेकर मौके पर जाएंगी।