शाहिद हत्याकांड के आरोपी शीशपाल को उम्रकैद की सजा
जामा मस्जिद, महुआखेड़ागंज निवासी शाहिद हुसैन (48) खनन के कारोबार से जुड़ा था। 09 सितंबर, 2017 को उसका शव रेलवे ट्रैक से कुछ दूरी पर एक फैक्टरी के गोदाम के पास झाड़ियों से बरामद हुआ था। उसके सीने में गोली लगी थी। मृतक के भाई जाकिर हुसैन ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। विवेचना तत्कालीन थाना प्रभारी जसवीर सिंह ने की। पुलिस ने मृतक का मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाया तो वारदात से पहले मुकंदपुर निवासी शीशपाल के फोन नंबर से उसके नंबर पर कई बार बात होने की जानकारी सामने आई।
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पूछताछ में शीशपाल ने शाहिद की हत्या कर 1.05 लाख रुपये की नकदी लूटे जाने की बात स्वीकार कर ली। पुलिस ने आरोपी से लूटे गए 69 हजार रुपये, हत्या में प्रयुक्त तमंचा और आरोपी के खून से सने कपड़े कब्जे में ले लिए थे। फोरेंसिक जांच रिपोर्ट में आरोपी के कपड़ों पर पाए गए खून के निशान मृतक के होने की पुष्टि हुई। पुलिस ने आरोपी शीशपाल के खिलाफ धारा 302, 201, 394, 411 व 25 आर्म्स एक्ट में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया। इस वाद का परीक्षण द्वितीय एडीजे की अदालत में हुआ। अभियोजन पक्ष की ओर से मुकदमे के वादी जाकिर हुसैन, मृतक की पत्नी रिजवाना, पूर्व चेयरमैन अब्दुल हसन, आईओ जसवीर सिंह व डा. विकास गहलौत को परीक्षित कराया गया। सभी गवाहों ने अभियोजन पक्ष के कथानक का समर्थन किया।
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अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी एडीजीसी विपिन अग्रवाल ने की। संबंधित पक्षों को सुनने और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों को देखते हुए द्वितीय एडीजे विनोद कुमार ने आरोपी शीशपाल को हत्या करने का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने उस पर 85 हजार रुपये का जुर्माना भी डाला है। इसके अलावा अन्य धाराओं में भी कोर्ट ने आरोपी को अलग-अलग सजा सुनाई है। आरोपी के गैरहाजिर रहने पर अदालत ने उसका गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है।