मलिन बस्ती के बच्चों को शिक्षा का ज्ञान बांट रहे रोनित
रोनित रॉय ने बताया कि वे मूलरूप से बंगाल के रहने वाले हैं और ऑनलाइन प्रोडक्ट बेचने का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि दो महीने पहले उनकी साली को कैंसर हो गया था तो वह अपनी साली का उपचार कराने के लिए एम्स ऋषिकेश में आए। लंबे समय तक उपचार चलने के कारण उन्होंने शिवाजी नगर में एक कमरा किराए पर ले लिया। काफी प्रयासों के बाद भी साली को बचाया नहीं जा सका।
टीकाकरण ने लोगों को दी बीमारियों से लड़ने की ताकत
उसके बाद एक दिन वह त्रिवेणीघाट पर दोपहर के समय स्नान करने आए। नहाने के बाद उनके पास घाट पर भीख मांग रहे और मछली के लिए आटे गोली बेच रहे कुछ बच्चे एकत्रित हो गए। उन्होंने इन मासूमों से उनकी दिनचर्या के बारे में जानने का प्रयास किया। इनमें से कई ऐसे बच्चे हैं जो आज तक विद्यालय की पहली सीढ़ी तक नहीं चढ़े हैं। इनमें से कुछ बच्चे विद्यालय जाने के बाद त्रिवेणी घाट पर भीख मांगना और मछली की आटे गोली बेचने में जुट जाते हैं। विद्यालय में पढ़ने के बाद इन्हें ये नहीं पता की ट्यूशन क्या होता है।
फिर उन्होंने इन बच्चों के लिए कुछ करने का सोचा, उन्हें ट्यूशन देने के अलावा और कुछ नहीं सूझा। फिर उन्होंने बच्चों से पढ़ने की बात कही, जिसमें लगभग सभी बच्चों ने पढ़ने की सहमति जताई। फिर क्या था उन्होंने अपने खाली समय शाम के 4 से 6 बजे तक बच्चों को दो घंटे ट्यूशन देने की सोची। करीब एक महीने का समय बीत गया है। वे शाम के समय त्रिवेणी घाट पर बच्चों को निशुल्क पढ़ा रहे हैं। पढ़ाई के साथ ही वे बच्चों को पठन पाठन की सामग्री भी उपलब्ध करवा रहे हैं।
बाहरी लोग भी कर रहे पढ़ाने का आग्रह
घाट पर मलिन बस्तियों के बच्चों को पढ़ता देख आसपास के अन्य लोग में भी रोनित से अपने मासूमों को पढ़ाने का आग्रह कर रहे हैं।
क्या कहते हैं मासूम- मैं स्कूल तो जाता हूं, लेकिन ट्यूशन के लिए हमारे पास पैसे नहीं हैं। रोनित सर हमें घाट पर पढ़ाते हैं। मैं उनके पास रोज पढ़ने जाता हूं।
छोटू,
जैसे स्कूल में शिक्षक हमें पढ़ाते हैं, वैसे ही घाट पर हम लोग रोज शाम को ट्यूशन पढ़ते हैं। स्कूल से अच्छा ट्यूशन लगता है।
सोनू
मैं कभी स्कूल नहीं गई हूं, यहां पढ़ने के बाद अब मेरा भी मन करता है कि मैं भी स्कूल जाऊंगी। रोनित सर बहुत अच्छे ढंग से पढ़ाते हैं
नंदिनी
मैं और मेरा भाई रोज पढ़ाई करते हैं । रोनित सर हमें अंग्रेजी सिखाते हैं। मुझे अंग्रेजी में अपना नाम लिखना आ गया है।