स-किताब, फीस सभी में घुस गई महंगाई
रुद्रपुर/काशीपुर। कोरोना महामारी के दो साल बाद स्कूल खुलने पर अभिभावकों पर महंगाई की मार पड़ रही है। स्कूल की ड्रेस, स्कूल बैग से लेकर कोर्स तक पर पांच से 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है। निजी स्कूलों ने बच्चों की फीस में बढ़ोत्तरी शुरू कर दी है। एक कक्षा से दूसरी कक्षा में जाने के बाद करीब एक हजार रुपये की फीस की बढ़ोत्तरी की गई है। नर्सरी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों का कोर्स 2300 से लेकर 2500 रुपये तक मिल रहा है।
शिक्षकों के सामने छात्रों की मनोदशा बदलना चुनौती
कोरोना संक्रमण के चलते दो साल तक स्कूलों ने ऑनलाइन पढ़ाई कराई। ऐसे में अभिभावकों पर स्कूल ड्रेस, बैग का कोई ज्यादा भार नहीं पड़ा। अब जब शासन-प्रशासन ने कोरोना संक्रमण थमने पर स्कूलों में ऑफलाइन पढ़ाई की अनुमति दी तब अभिभावकों को स्कूल ड्रेस, बैग व कोर्स पर महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है। एनसीईआरटी की देहरादून से आने वाली किताबों पर पांच रुपये तक तो दिल्ली से आने वाली किताबों पर 10 रुपये तक की बढ़ोतरी हो गई है।
किताब विक्रेता बोले
-काशीपुर में रतन सिनेमा रोड स्थित मेहरोत्रा बुक डिपो के उदित मेहरोत्रा ने बताया कि बीते दो साल से अभिभावकों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए केवल किताबें और कॉपियां व स्टेशनरी लेनी पड़ रही थी। ऑफलाइन पढ़ाई शुरू होने पर स्कूलों में सभी शिक्षण सामग्री की जरूरत पड़ने लगी है। नर्सरी से आठवीं तक की किताबों पर पांच से 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है। नर्सरी और यूकेजी कक्षाओं में स्कूल अलग-अलग किताबें लगाते हैं। इनका कोर्स 700 रुपये से लेकर 900 रुपये तक में तैयार हो रहा है। पहली से आठवीं आठ तक की कक्षाओं में एनसीईआरटी कोर्स लगाया जाता है जिसकी किताबों में बीते वर्ष की अपेक्षा पांच से 10 रुपये की बढ़ोतरी हो गई है।
-काशीपुर में माता मंदिर रोड स्थित मां वैष्णो बुक डिपो के संजीव ने बताया कि कॉपी, पेंसिल बॉक्स, रजिस्टर आदि के दामों में क्वालिटी के मुताबिक 10 से 15 रुपये तक की बढ़ोतरी हो गई है।
-नगर निगम स्थित न्यू सेठी ब्रादर्स स्टोर के राजकुमार सेठी ने बताया कि स्कूल ड्रेस, टाई-बेल्ट आदि पर 15 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है। जो ड्रेस बीते वर्ष 130 रुपये में मिल रही थी, वह अब 150 रुपये में मिल रही है।
केस 01
आदर्श कालोनी रुद्रपुर स्थित एक स्टेशनरी की दुकान में सातवीं में पढ़ने वाले बच्चे के लिए यूनुस जब कॉपी और किताबें खरीदने पहुंचे तो दाम सुनकर ही हैरान हो गए। यूनुस ने बताया कि कोर्स के दाम चार हजार रुपये हो गए हैं।
केस 02
रुद्रपुर में रहने वाली खीम सिंह का भी यही कहना है। उन्होंने कहा कि उनका बेटा नर्सरी कक्षा में पढ़ता है। नर्सरी का कोर्स 2300 से 2500 रुपये तक हो गया है। महंगाई के जमाने में बच्चों को पढ़ाना भी मुश्किल हो गया है।
केस 03
रुद्रपुर के पवन गाबा ने कहा कि पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले बेटे की फीस 4600 रुपये हो गई है जबकि चौथी कक्षा में 3320 रुपये फीस हुआ करती थी। 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले बेटे की फीस 5100 रुपये हो गई है जबकि नौवीं कक्षा में 3700 रुपये फीस थी।
केस 04
कटोराताल काशीपुर निवासी बबीता ने बताया कि उनका बेटा सातवीं में एक निजी स्कूल में पढ़ता है। स्कूल ने बीते शिक्षण काल में केवल ट्यूशन फीस ली थी लेकिन इस बार से स्कूल कंप्यूटर चार्ज, गेम्स चार्ज समेत कई अन्य मद में फीस ले रहे हैं। स्कूल का कोर्स भी पहले के मुकाबले लगभग 50 रुपये तक महंगा मिल रहा है।
केस 05
काशीपुर में गिरीताल निवासी कमला ने बताया कि उनका बेटा पांचवीं में इस वर्ष आया है। स्कूल प्रबंधन ने इस बार ट्यूशन फीस के साथ अन्य मदों की फीस बढ़ा दी है। वहीं कोर्स भी पहले के मुकाबले महंगा है। साथ ही उनके स्कूल प्रबंधन ने तो कोर्स खरीदने के लिए दुकान का नाम दिया है कि वहां से कोर्स लाना है। ऐसे में हमारी मजबूरी हो गया है कि अब उसी दुकान से कोर्स लेना होगा।
डीजल महंगा होने पर ट्रांसपोर्ट शुल्क भी बढ़ा
रुद्रपुर। डीजल महंगा होने पर निजी स्कूलों ने छात्र-छात्राओं के ट्रांसपर्ट शुल्क में भी बढ़ोत्तरी कर दी है। सिर्फ दो किलोमीटर की दूरी पर ही छात्र-छात्राओं के ट्रांसपोर्ट शुल्क में 1300 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये शुल्क कर दिया गया है।
कोट-
निजी स्कूल प्रबंधकों की ओर से अगर मनमानी फीस वसूली जाएगी तो अभिभावकों की शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी। निजी स्कूलों के मनमानी फीस बढ़ाने का मामला अभी संज्ञान में नहीं आया है। -डॉ. गुंजन अमरोही, उप शिक्षा अधिकारी।