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Thursday, September 28, 2023

यह तो डिमोशन जैसा… गुलाम नबी आजाद ने बताया क्यों दिया इस्तीफा, 37 साल महासचिव रहे

गुलाम नबी आजाद के समर्थकों का कहना है कि भले ही उन्हें कश्मीर के मामलों को लेकर बुलाया गया और मीटिंग की गई है। उन्हें पद भी दिया गया, लेकिन यह उन्हें प्रमोशन की बजाय डिमोशन जैसा था।

Ghulam Nabi Azad On BJP Ghulam Nabi said bjp  was hero in campaigning and we were Ghulam Nabi Azad On BJP: गुलाम नबी नाजाद ने बीजेपी को प्रचार करने में बताया 'हीरो', अपनी पार्टी पर कसा तंज, जानें क्या कुछ कहा

जम्मू-कश्मीर कांग्रेस की कैंपेन कमिटी और राजनीतिक मामलों की समिति से इस्तीफा देने वाले सीनियर लीडर गुलाम नबी आजाद का कहना है कि उन्होंने पहले ही यह बात कही थी। गुलाम नबी आजाद के करीबी लोगों का कहना है कि उन्होंने पहले ही ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी से कहा था कि उन्हें जम्मू कश्मीर की स्टेट यूनिट में कोई पद न दें।

 

गुलाम नबी आजाद को पार्टी की ओर से पिछले दिनों राज्यसभा नहीं भेजा गया था और तभी से कयास लग रहे थे कि उन्हें किनारे लगा दिया गया है। हालांकि बीते दिनों जम्मू-कश्मीर को लेकर हुई बैठकों में गुलाम नबी आजाद को भी शामिल किया गया था।

गुलाम नबी आजाद के समर्थकों का कहना है कि भले ही उन्हें कश्मीर के मामलों को लेकर बुलाया गया और मीटिंग की गई है। उन्हें पद भी दिया गया, लेकिन यह उन्हें प्रमोशन की बजाय डिमोशन जैसा था। ऐसे में गुलाम नबी आजाद ने उन पदों से इस्तीफा ही दे दिया। गुलाम नबी आजाद के बाद उनके कई समर्थकों ने भी पद से इस्तीफे दे दिए हैं।

 

कहा जा रहा है कि गुलाम नबी आजाद ने अपने फैसले के बारे में एक चिट्ठी लिखकर सोनिया गांधी को जानकारी दी थी। उन्होंने सांगठनिक और निजी कारणों का हवाला देते हुए पद छोड़ दिया था। आजाद के समर्थकों का कहना है कि पर्याप्त चर्चा के बिना ही पैनल गठित कर दिए गए और कई योग्य लोगों को छोड़ दिया गया।

 

इसके अलावा गुलाम नबी आजाद का नाम इनमें शामिल करना हैरानी भरा है। खासतौर पर उनके कद को देखते हुए यह फैसला गलत था। वह शख्स जो 37 सालों तक कांग्रेस का महासचिव रहा हो, उसे राज्य स्तर की समिति में शामिल करना गलत था। इसी के चलते उन्होंने इस्तीफा दिया है। गुलाम नबी आजाद का कहना है कि मैंने पहले ही बता दिया था कि जम्मू-कश्मीर यूनिट में मुझे कोई भी जिम्मेदारी देने पर विचार न किया जाए। कहा यह भी जा रहा है कि लीडरशिप ने उनसे कहा था कि वह प्रदेश अध्यक्ष बन जाएं, लेकिन उन्होंने इस बात से इनकार कर दिया था।
गौरतलब है कि पार्टी ने उनके विरोधी खेमे के कहे जाने वाले गुलाम अहमद मीर का इस्तीफा ले लिया था और अब उनके ही समर्थक विकार वानी को यह जिम्मा दिया गया है।

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