जोशीमठ : बद्रीनाथ मन्दिर के कपाट के समय को लेकर विरोध, बोर्ड ने निर्णय लिया वापस उत्तराखंड के बद्रीनाथ धाम का विवाद थमने का नाम नही ले रहा है । बता दे देवस्थानम बोर्ड ने अपनी अलग ही परम्परा शुरू कर दी थी जिसको लेकर देवस्थानम विवादों में आगया और भारी विरोध का सामना करना पड़ा, आपको बता दे देवस्थानम बोर्ड ने बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने का समय ही बदल दिया, जिससे कमेटी के लोगों की नाराजगी बढ़ती चली गई ।

और जगह जगह तीर्थ पुरोहितों संघों कि नाराजगी बढ़ती चली गई उनका कहना है कि जब बद्रीनाथ मंदिर में यात्रियों के आने की अनुमति ही नहीं है तो मंदिर के समय बदलने का क्या मतलब है और ब्रह्म मुहूर्त के समय को क्यों बदला गया,तभी तमाम विरोध के बाद देवस्थानम बोर्ड को अपने निर्णय को वापस लेना पड़ा, आपको बता दे देवस्थानम बोर्ड द्वारा मन्दिर के समय मे बदलाव करना धार्मिक मान्यताओं के विरुद्ध है,वही तीर्थ पुरोहितों संघो का कहना है कि देवस्थानम बोर्ड लगातार चारधाम मन्दिर परम्परा के साथ छेड़छाड़ कर रहा है |

जो बहुत ही निंदनीय है जो सत्य सनातन धर्म के लिए ठीक नही है और आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा बनाई गई परम्पराओं के साथ छेड़खानी करने बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और ब्रह्म कपाल तीर्थ पुरोहित संघ इसका पुरजोर विरोध करता है|

उत्तराखंड भास्कर से बात करते हुए बद्रीनाथ धाम मूल डिमरी समाज के उपाध्यक्ष पंडित भास्कर डिमरी ने बताया कि मन्दिर की परम्पराओं के साथ छेड़छाड़ बिल्कुल बर्दाश्त नही की जाएगी, उन्होंने सनातन धर्म के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा की बोर्ड द्वारा मन्दिर के समय मे बदलाव किया गया है हम इसका विरोध करते है । उन्होंने कहा कि बोर्ड को जो भी निर्णय लेने है वो हक हकूक के साथ बोर्ड के लिए निर्णय करे । जिससे आदि गुरु शंकराचार्य के द्वारा बनाई गयी परम्परा प्रभावित न हो ।

उत्तराखंड के हर वर्ग की सेवा मे सदैव अग्रणी भूमिका में रहा है सेवादल – सावित्री