गंगोत्री विधानसभा सीट से सत्ता का दरवाजा खुलने का मिथक जुड़ा है पर गंगोत्री अकेली सीट नहीं है
जहां से जीतने वाले दल को उत्तराखंड में राज करने का मौका मिलता है राज्य की 9 और सिटी भी हैं जिनका जनादेश केवल विधायक को नहीं जीता था बल्कि सत्ता का ताला खोल देता है चुनाव विश्लेषकों की बहस अब इस बात पर केंद्रित हो चुकी है क्या इन 10 सीटों का मिथक बरकरार रहेगा या फिर टूट जाएगा जैसे माना जा रहा है कि गंगोत्री का जनादेश जिस दल को मिल गया उसे सत्ता मिल गई उसी तरह से टिहरी गढ़वाल की प्रताप नगर चमोली जिले की बद्रीनाथ पौड़ी की श्रीनगर परिसीमन से पहले थलीसैंण नाम कोटद्वार देहरादून के राजपुर परिसीमन से बाद नाम राजपुर रोड विकास नगर के अलावा रामनगर चंपावत और गंगोलीहाट विधानसभा क्षेत्र के परिणाम 2002 से लेकर सन 2017 के चुनाव में हमेशा सत्ता में आने वाली पार्टी के साथ रहे हैं इन सभी सीट पर वर्ष 2002 कांग्रेश सन 2007 में बीजेपी सन 2012 में कांग्रेस और सन 2017 में भाजपा ने जीत दर्ज करने के साथ सत्ता हासिल की थी इस बार यह सिटी बनाने में कामयाब रहती हैं या फिर मतदाता इस मिथक को तोड़ते हैं इस पर सभी की नजरें रहेंगी
